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Thursday, April 1, 2010
सेक्स वर्कर्स के बच्चे भी जाएंगे स्कूल
ठ्ठनिश्छल भटनागर, नई दिल्ली गुरुवार से लागू मुफ्त व अनिवार्य प्राइमरी शिक्षा एक्ट से कामर्शियल सेक्स वर्कर्स के बच्चे भी पढ़ने स्कूल जाएंगे। दिल्ली बाल अधिकार एवं संरक्षण आयोग ने योजना का खाका तैयार है। पहचान गुप्त रखते हुए एनजीओ के जरिए सेक्स वर्कर्स के बच्चों को स्कूल पहुंचाने की शुरुआत चंद दिनों में होने वाली है। आयोग के चेयरमैन आमोद कंठ के मुताबिक करीब पांच लाख बच्चे स्कूलों की चौखट से दूर हैं। खास ध्यान सेक्स वर्कर के बच्चों का है। निगम के शिक्षा विभाग के उपनिदेशक ने हलफनामा देकर जीबी रोड स्थित रेड लाइट एरिया की कामर्शियल सेक्स वर्कर्स के बच्चों को भी पढ़ाने की इच्छा जताई। आयोग ने रेड लाइट एरिया में कार्यरत एनजीओ की मदद से ऐसे बच्चों के नाम बताने को कहा है जो अभी तक स्कूलों से दूर हैं। बकौल कंठ वे बच्चे सरकारी, एडेड व अनएडेड स्कूलों में दाखिला पाएंगे। ऐसे छोटे बच्चों की तादाद 200 से ज्यादा और बड़ों की संख्या 1000 पार है। स्कूलों से दूर रहे 1586 बच्चों की लिस्ट में से सोशल ज्यूरिस्ट द्वारा मुहैया कराए 172 की सूची के 90 बच्चों को निकटवर्ती स्कूलों में भिजवाया गया है। बाकी बच्चे मिसिंग हैं या उन्हें संरक्षण-सुरक्षा की जरूरत है। पुलिस उपायुक्त को पत्र लिखकर जहांगीरपुरी क्षेत्र के उन बच्चों को स्कूलों तक पहुंचाने को ताकीद की गई है। पूर्वी दिल्ली की संजय कालोनी में 912 बच्चे स्कूलों से दूर हैं। मजबूरन भीख मांगने वाले 45 बच्चों को स्कूल भेजा जाना है। दिल्ली में यूं तो स्कूल जाने वाले बच्चे 34 लाख 22 हजार हैं। दुधमुंहों से लेकर छह वर्ष के बच्चों की संख्या 20 लाख 16 हजार 849 है
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बहुत पुण्य का काम होगा यह. सबसे अच्छी खबर.
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