मणिपुर से विवादित आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर्स एक्ट (एएफएसपीए) 1958 हटाये जाने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल कर रही शर्मिला चानू के उपवास के आज 10 साल पूरे हो गए हैं.
शर्मिला कानबा लूप (शर्मिला बचाओ कमेटी) के एक प्रवक्ता ने बताया कि शर्मिला के साथ एकजुटता दिखाने के लिए कई सामाजिक संगठन आज राज्य के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन का आयोजन कर रहे हैं. गौरतलब है कि इंफाल हवाई अड्डे के निकट असम राइफलस के जवानों द्वारा कथित तौर पर एक मुठभेड़ में 10 नागरिकों को मौत के घाट उतारे जाने के विरोध में शर्मिला ने भूख हड़ताल शुरू की थी. शर्मिला के समर्थन में रिक्शा चालकों ने भी रैलियां निकाली.
जेल में तब्दील कर दिये गये जेएन अस्पताल के एक कमरे में न्यायिक हिरासत में बंद शर्मिला को नाक के द्वारा भोजन दिया
जा रहा है.
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