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Thursday, December 30, 2010
Dr. Subramanian Swamy who has been a Prof. in IIT Delhi
Dr. Subramanian Swamy who has been a Prof. in IIT Delhi, Harvard & a successful parliamentarian can not be ignored. The country must investigate about these allegations, Do these (Pseudo) gandhis deserve the treatment Indians give them? I certainly have my doubts. Why can't there be somebody other t
Sunday, December 26, 2010
लड़कियों को बनाया वर्जिन, गई जेल!
पुलिस ने लड़कियों का अवैध गर्भपात और उन्हें वर्जिन करने के आरोप में सुडानी मूल की एक नर्स को गिरफ्तार किया है। सउदी पुलिस के मुताबिक, यह नर्स अवैध तरीके से लड़कियों का गर्भपात करती थी। और बाद में उनके वर्जिन बना देती थी।
इस तरह से लड़कियों में वर्जिनिटी खत्म होने का डर समाप्त होने लगा था। पुलिस इसे सामाजिक अपराध के रूप में देख रही है।
सुडान की रहने वाली इस नर्स को जब पुलिस ने गिरफ्तार किया तो, उसने कहा कि वह इस तरह के काम नहीं करती थी। फिलहाल मामला कोर्ट में है
इस तरह से लड़कियों में वर्जिनिटी खत्म होने का डर समाप्त होने लगा था। पुलिस इसे सामाजिक अपराध के रूप में देख रही है।
सुडान की रहने वाली इस नर्स को जब पुलिस ने गिरफ्तार किया तो, उसने कहा कि वह इस तरह के काम नहीं करती थी। फिलहाल मामला कोर्ट में है
बिनायक सेन को अमेरिका में मिला समर्थन
बोस्टन। देशद्रोह के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे बिनायक सेन को अमेरिका में भारी समर्थन मिल रहा है। वहां के भारतीय मूल के मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने शनिवार को प्रदर्शन किया।
पिछले दिनों सेन और उनके सहयोगी नारायण सान्याल और कोलकाता के कारोबारी पीयूष गुहा को छत्तीसगढ़ की एक अदालत ने देशद्रोह और नक्सलियों से सांठगांठ का दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई।
गौरतलब है कि सेन को मिली सजा के खिलाफ भारत में भी मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने विरोध जताया है। एमनेस्टी इंटरनेशनल के मुताबिक, इस मामले में निष्पक्ष सुनवाई के अंतर्राष्ट्रीय मानकों को उल्लंघन हुआ है।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, बोस्टन में मानवाधिकार संगठनों के लोग एकत्र हुए और अपना विरोध जताया। क्रिस्चियन मेडिकल कॉलेज के होनरेन वार्ड के मुताबिक, उन्होंने वेल्लोर में दो सप्ताह पहले सेन और उनकी पत्नी से मुलाकात की थी। दोनों ने भारत छोड़कर कहीं और जाने के बारे में कभी सोचा ही नहीं है।सेन ने जमीनी स्तर पर कुछ काम आरंभ किए हैं, जिन्हें पूरा करना उनकी प्राथमिकता है।
बोस्टन की स्वयंसेवी संगठन 'एड-बोस्टन' के गर्ग चटर्जी ने इस सजा पर आश्चर्य प्रकट करते हुए कहा कि इससे भारतीय न्यायपालिका में हमारे विश्वास को झटका लगा है। हम कभी नहीं सोच सकते थे कि लोकतांत्रिक
भारत में लोगों की आवाज कुचली जा सकती है।
दैनिक भास्कर के सौजन्य से
पिछले दिनों सेन और उनके सहयोगी नारायण सान्याल और कोलकाता के कारोबारी पीयूष गुहा को छत्तीसगढ़ की एक अदालत ने देशद्रोह और नक्सलियों से सांठगांठ का दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई।
गौरतलब है कि सेन को मिली सजा के खिलाफ भारत में भी मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने विरोध जताया है। एमनेस्टी इंटरनेशनल के मुताबिक, इस मामले में निष्पक्ष सुनवाई के अंतर्राष्ट्रीय मानकों को उल्लंघन हुआ है।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, बोस्टन में मानवाधिकार संगठनों के लोग एकत्र हुए और अपना विरोध जताया। क्रिस्चियन मेडिकल कॉलेज के होनरेन वार्ड के मुताबिक, उन्होंने वेल्लोर में दो सप्ताह पहले सेन और उनकी पत्नी से मुलाकात की थी। दोनों ने भारत छोड़कर कहीं और जाने के बारे में कभी सोचा ही नहीं है।सेन ने जमीनी स्तर पर कुछ काम आरंभ किए हैं, जिन्हें पूरा करना उनकी प्राथमिकता है।
बोस्टन की स्वयंसेवी संगठन 'एड-बोस्टन' के गर्ग चटर्जी ने इस सजा पर आश्चर्य प्रकट करते हुए कहा कि इससे भारतीय न्यायपालिका में हमारे विश्वास को झटका लगा है। हम कभी नहीं सोच सकते थे कि लोकतांत्रिक
भारत में लोगों की आवाज कुचली जा सकती है।
दैनिक भास्कर के सौजन्य से
Thursday, December 23, 2010
Wednesday, December 8, 2010
Sunday, December 5, 2010
कुछ रोचक खबरे ..
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